Last modified on 15 जनवरी 2009, at 11:58

अकाल-3 / सुधीर सक्सेना

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:58, 15 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर सक्सेना |संग्रह=बहुत दिनों के बाद / सुधीर ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दूर-दूर तलक
खोजने पर
एक भी नीला आइना नहीं
नीले आइनों के देश में ।

ऊपर ताको, तो
चंचल सुनहरे धावकों का अता-पता नहीं ।

आइनों के चौखटों में
सिर्फ़ सूखे हाड़ चमचमा रहे हैं ।