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महानगर / त्रिनेत्र जोशी

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भैय्या
महानगर मत आना
बहुत तंग करती हैं दो चीज़ें-
संविधान और पुलिस
और ख़ुद वह बेशुमार चौराहों में
भटका देने वाला शहर