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जोख़िम / अग्निशेखर

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एक लड़की करती है
किसी से प्यार
सड़कों पर दौड़ने लगती हैं दमकलें
साइरन बजाते
कवि चढ़ता है अपनी छत पर
और मुस्कुराता है कुछ पल
वह बदल देता है
अपनी कविता का शीर्षक
बच निकलती है लड़की