Last modified on 26 जनवरी 2009, at 18:57

आरे ओ, ओरे सुजन नाइया (भाटियाली) / बांग्ला

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:57, 26 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=बांग्ला }} <poem> आरे ओ, ओरे स...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आरे ओ, ओरे सुजन नाइया-
कोन वा देशे याओ रे तुमि, सोनार तरी बाइया।।
कोन वा देशे बाड़ी तोमार, कोन वा देशे याओ।।
एइ घाटे लगाइया नाओ, आमार लइया याओ।।
सोनार तरी, रंगेर बादाम, दिवाछ उड़ाइया।
पुबाली बातासे बादाम उड़े रइया रइया।।
रंग देखिया एइ अभागी कान्दे घाटे बइया।
सोतेर टाने कलसी आमार गेल रे भसिया।।
आइस आइस सुजन नाइया, कलसी देओ धरिया।।
कि धन लइया याइब घरे, शून्य आमार हिया।।