माँ ने
कभी नहीं कहा
ये करो वो मत करो
पिता हमेशा कहते रहे यही
उन दोनों के कहने के बीच
अंतर था उतना ही
जितना होता है
होने न होने के बीच
वह दोनों के कथन के बीच
उगता रहा कुछ ऐसे
जैसे सुदूर
टिमटिमाती रोशनियाँ।
माँ ने
कभी नहीं कहा
ये करो वो मत करो
पिता हमेशा कहते रहे यही
उन दोनों के कहने के बीच
अंतर था उतना ही
जितना होता है
होने न होने के बीच
वह दोनों के कथन के बीच
उगता रहा कुछ ऐसे
जैसे सुदूर
टिमटिमाती रोशनियाँ।