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जन्म दिन / राजा खुगशाल

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दो धौल वक़्त ने कसे

दो घूँसे मैंने मारे

वक़्त ने कालर ऎसे पकड़े

कि कमीज़ के काज

फट गए सारे

जो बटन बचे

वे अब खो गए

दौड़ते-दौड़ते बत्तीस साल हो गए ।