धरती को घूमने दो
हवा के गुलाब के साथ
बादलों को आलिंगन करने दो
सूरज की उजास का
हिमनदियों को
अपनी त्यौरियों पर बल डालने दो
जब तक पहाड़ी बकरियाँ
तुम्हारे हाथ से चारा खाएँ
फ़ौज से
जवाब-तलब न करो
यदि वह तुम्हारी आँखें उड़ा दें
या तुम्हारी जाँघों के बीच
बन्दूकें अड़ा दें
उनके बन्दूक-बादलों को
धर्मग्रंथ जैसा पढ़ो
दीवाल पर लिखे गए
आसमानों पर बने चित्र जैसा
कबूतर के पंख की
फटकार जैसा
अनुवाद : विष्णु खरे