चला आता नींद में
एक हंस सपना
भरी दोपहरी कभी
जागते को भी
सुला देता सपना
और फिर
बगुले की तरह
चला जाता हमसे
हम बगुले के दुख में
जागते रहते हैं
हँस के लिए
जून 1988
चला आता नींद में
एक हंस सपना
भरी दोपहरी कभी
जागते को भी
सुला देता सपना
और फिर
बगुले की तरह
चला जाता हमसे
हम बगुले के दुख में
जागते रहते हैं
हँस के लिए
जून 1988