Last modified on 20 फ़रवरी 2009, at 01:41

सम्बोधन-एक / तुलसी रमण

प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:41, 20 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसी रमण |संग्रह=पृथ्वी की आँच / तुलसी रमण }} <Poem> ख...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

खिलता बुराँस
महकता कूजा

हवा में ठरता
पसारता धूप में

चाँदनी में खेलता

काँसे की कटोरी -सा
                खनकता

तुम्हारा प्यार.........

अक्तूबर 1987