Last modified on 20 फ़रवरी 2009, at 02:02

सम्बोधन-चार / तुलसी रमण

प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:02, 20 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसी रमण |संग्रह=पृथ्वी की आँच / तुलसी रमण }} <Poem> आ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आओ........
आज देखें
पच्छिम की धूर पर
एक गोली सूरज


दो चोटियों के बीच
देवदार से
      छनता हुआ
            चाँद

और थोड़ा-सा
उड़ लेंगे
       आसमान
                    अक्तूबर 1987