उसने देह को सुंदर देखा
वाणी को मधुर
स्पर्सेन को सुखकर
और श्वास को
सुगंधित
उसने चित्त को
मलिन पाया
जनवरी 1990
उसने देह को सुंदर देखा
वाणी को मधुर
स्पर्सेन को सुखकर
और श्वास को
सुगंधित
उसने चित्त को
मलिन पाया
जनवरी 1990