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नदी / केशव

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नदी
मेरे पास से
बह गयी
भेद अपना
कान में
कह गयी

बहती हूँ
देती नहीं
बहने को कोई नाम
नाम देना
है भ्रम बोना
अपना धर्म खोना

कहा उसने यह
खुद से ही
पर ज़िंदगी को
गह गयी

मेरे पास से
गुज़रकर भी
मेरे पास ही
रह गयी.