अपने पुत्र की चारपाई का
कम्बल थोड़ा उठाकर
उसने कहा- सो गया है
और बुझा दी बत्ती छत पर लगी
फिर गाउन उसका गिर गया
धीमे से कुर्सी पर
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय
अपने पुत्र की चारपाई का
कम्बल थोड़ा उठाकर
उसने कहा- सो गया है
और बुझा दी बत्ती छत पर लगी
फिर गाउन उसका गिर गया
धीमे से कुर्सी पर
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय