संबंध
1
संबंधों के झूलते पुल पर
हाथों में हाथ थाम
पार कर जाते हैं हम
जीवन की गहरी नदी
और तेज बहता समय।
2
वह आदमी नहीं हैं
व्यवस्था के वाहक हैं
नाहक है मेरे पिता, मेरे भाई ...
हर व्यक्ति पुर्जा है
इस विशाल तंत्र का
पहुँचाता है मुझतक
कोई न कोई मंत्र
इस विशाल तंत्र का।