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बुत / सौरभ

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बुत बने खड़े हैं भगवान
हो रहा है अनाचार
मूर्तियाँ मन्दिरों में विराजमान हैं
हो रहा कत्लेआम
मिट्टी का बाबा नईयो बोलदा
चाहे कुछ भी हो जाए
अराजकता फैलती जा रही
मूर्तियाँ बनती जा रही
पत्थर के मन्दिर पत्थर की मूर्तियाँ
पूजी जा रही पत्थरों द्वारा
पत्थर है इन्सान
उसका भगवान भी पत्थर
बन बैठा है बन्दर बापू का
करने वाले करते जा रहे
सोचने वाले तलाश रहे मौका
न जाने कब सजीव होगा भगवान
और इन्सान भी।