Last modified on 15 अप्रैल 2009, at 18:45

नियोजन / कैलाश वाजपेयी

हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:45, 15 अप्रैल 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कैलाश वाजपेयी }} <poem> औरतें अंधा कूप्प उमस भरे खे...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


औरतें
अंधा कूप्प
उमस भरे खेत हैं
आप तैर जाएँ तो जाएँ
ईश्वर के लिए
उग नहीं आएँ।