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जन्मस्थान / विजयशंकर चतुर्वेदी

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किसी को नहीं रहता याद
कहाँ गिरा था वह पहली बार धरती पर

कहाँ जना गया
किस ठौर पड़ी थी उसकी सोबत?

आसान नहीं है सर्वज्ञों के लिए भी यह जान लेना
कि क्यों पैदा होता है कोई?

कितने ईसा
कितने बुद्ध

कितने राम
कितने रहमान

कितने फुटपाथ
कितने अस्पताल

कितने रसोईघर
कितने मैदान

कितने महल
कितने अस्तबल
कौन पार पा सकता है जच्चाघरों से?

कैसे बता सकती हैं खानाबदोश जातियाँ
किस तंबू में जनी गयीं वे

किस देस-घाट का पानी पीकर
चली आई अयोध्या तक...।