मेरा घर बुढ़ाने लगा है खांसती हैं दीवारे आजकल रात भर हालंकि डरती हैं कि कहीं मेरी नींद न टूट जाए इसलिये शायद लिहाफ में मुंह दबा कर खांसती हैं फिर भी मैं सुन लेता हूं और जान लेता हूं कि मेरा घर बूढ़ा होता जा रहा है
मेरा घर बुढ़ाने लगा है खांसती हैं दीवारे आजकल रात भर हालंकि डरती हैं कि कहीं मेरी नींद न टूट जाए इसलिये शायद लिहाफ में मुंह दबा कर खांसती हैं फिर भी मैं सुन लेता हूं और जान लेता हूं कि मेरा घर बूढ़ा होता जा रहा है