Last modified on 28 मई 2009, at 09:21

आईना-2 / श्याम किशोर

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:21, 28 मई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्याम किशोर |संग्रह=कोई ख़तरा नहीं है / श्याम कि...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम उस पर भरोसा कर सकते हो
क्योंकि वह
चापलूस नहीं होता।

वह उतना ही दिखाता है
जो तुम होते हो
जो तुम होना चाहते हो
उसका अक्स नहीं होता आईना।