अलस्सुबह
अपने चेहरे पर
दैनिक अख़बार की नकाब
ओढ़ लेता है वह
और फिर सारा इन
उसे नहीं उतारता
’यहाँ से कोई
ईवनिंग न्यूज क्यों नहीं निकालता’
अक्सर शिकायत करता है वह
वैसे वह जानता है
शाम को
हर शिकायत
ख़ुद बेनकाब हो जाती है ।
अलस्सुबह
अपने चेहरे पर
दैनिक अख़बार की नकाब
ओढ़ लेता है वह
और फिर सारा इन
उसे नहीं उतारता
’यहाँ से कोई
ईवनिंग न्यूज क्यों नहीं निकालता’
अक्सर शिकायत करता है वह
वैसे वह जानता है
शाम को
हर शिकायत
ख़ुद बेनकाब हो जाती है ।