Last modified on 28 मई 2009, at 09:49

मक्खीमार / श्याम किशोर

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:49, 28 मई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्याम किशोर |संग्रह=कोई ख़तरा नहीं है / श्याम कि...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मक्खी
एक दरवाज़े से अन्दर आई
और दूसरे से
बाहर निकल गई ।

न उसने
इस दरवाज़े से घुसते हुए कुछ सोचा था
न उससे
बाहर निकलते हुए।

सब जानते हैं
मक्खी
दुनिया का सबसे तेज़ रफ़्तार
जानवर है
और उसे पकड़ना आसान नहीं

फिर भी
मक्खीमारों से
खाली नहीं है यह दुनिया ।