समय
समय
बरसात के पानी में मिल
मटिया गया
किसी गढ्ढे में,
दिन-रात
जम गए काँच पर
धुँध बनकर
उंगलियों ने नाम
लिखे होंगे बहुत
कभी रेत पर
काँच पर कभी।
समय
समय
बरसात के पानी में मिल
मटिया गया
किसी गढ्ढे में,
दिन-रात
जम गए काँच पर
धुँध बनकर
उंगलियों ने नाम
लिखे होंगे बहुत
कभी रेत पर
काँच पर कभी।