Last modified on 19 जून 2009, at 18:00

सुमन आयो बदरा / मीराबाई

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:00, 19 जून 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> सुमन आयो बदरा। श्यामबिना सुमन आयो ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सुमन आयो बदरा। श्यामबिना सुमन आयो बदरा॥ध्रु०॥
सोबत सपनमों देखत शामकू। भरायो नयन निकल गयो कचरा॥१॥
मथुरा नगरकी चतुरा मालन। शामकू हार हमकू गजरा॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। समय गयो पिछे मीट गया झगरा॥३॥