उमाकांत मालवीय का जन्म बंबई में हुआ था। शिक्षा प्रयाग विश्वविद्यालय में हुई। इन्होंने कविता के अतिरिक्त खण्डकाव्य, निबंध तथा बालोपयोगी पुस्तकें भी लिखी हैं। काव्य-क्षेत्र में मालवीय जी ने नवगीत विधा को अपनाया। इनका मत है कि आज के युग में भावों की तीव्रता को संक्षेप में व्यक्त करने में नवगीत पूर्णतया सक्षम है। मुख्य कविता-संग्रह हैं : `मेहंदी और महावर', `देवकी', `रक्तपथ' तथा `सुबह रक्तपलाश की'।