Last modified on 24 जून 2009, at 18:13

सौत-सम्वाद / अनातोली परपरा

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:13, 24 जून 2009 का अवतरण (सौत-सम्वाद / अनातोली पारपरा का नाम बदलकर सौत-सम्वाद / अनातोली परपरा कर दिया गया है)

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: अनातोली परपरा  » संग्रह: माँ की मीठी आवाज़
»  सौत-सम्वाद

एक लोकगीत को सुनकर


ओ झड़बेरी, ओ झड़बेरी

मैं तुझे कहूँ व्यथा मेरी


सुन मेरी बात, री झड़बेरी

आता जो तेरे पास अहेरी


वह मेरा बालम सांवरिया

न कर उससे, यारी गहरी


वह छलिया, ठग है जादूगर

करता फुसला कर रति-लहरी


न कुपित हो तू, बहना, मुझ पे

बहुत आकुल हूँ, कातर गहरी