नाटक के बाद
अभिनेता आते हैं मंच पर
अभिवादन करते हैं
नीचे बैठे चरित्रों का
याद किए शब्द ख़त्म हो चुके हैं
दर्शक देते हैं उनके फ़ैले हाथों में
जीवन की रोटी।
अनुवाद : राजेन्द्र धोड़पकर
नाटक के बाद
अभिनेता आते हैं मंच पर
अभिवादन करते हैं
नीचे बैठे चरित्रों का
याद किए शब्द ख़त्म हो चुके हैं
दर्शक देते हैं उनके फ़ैले हाथों में
जीवन की रोटी।
अनुवाद : राजेन्द्र धोड़पकर