Last modified on 18 जुलाई 2009, at 11:25

एक शे’र / अमजद हैदराबादी

चंद्र मौलेश्वर (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:25, 18 जुलाई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: किस शान से ‘मैं’ कहता हूँ, अल्लाह रे मैं। समझा नहीं ‘मैं’ को आज तक ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

किस शान से ‘मैं’ कहता हूँ, अल्लाह रे मैं।

समझा नहीं ‘मैं’ को आज तक वाह रे मैं॥