Last modified on 22 जुलाई 2009, at 21:24

क्या नहीं / रमेश कौशिक

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:24, 22 जुलाई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश कौशिक |संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक }} <poem> प्...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

प्रेमिका
क़िताबों में मिल सकती है
ज़िन्दगी बिना आशीर्वाअ के भी
खिल सकती है