ललित किशोरी का जन्म का नाम सा कुंदनलाल था। इनके पिता गोविंदलाल लखनऊ के निवासी थे। कुंदनलाल कृष्णभक्त हो गए और लखनऊ छोडकर वृंदावन चले गए। वहाँ इन इन्होंने ललित किशोरी के नाम से भगवत लीला संबंधी सरस पदों की रचना की, जिनकी संख्या लगभग दस हजार बताई जाती है। 1873 में इनका देहावसान हो गया। ललित किशोरी के 'रास-विलास 'अष्टयाम तथा 'समय प्रबंध नामक ग्रंथ उत्तम हैं। भाषा उर्दू, खडी बोली, मारवाडी मिश्रित ब्रज भाषा है।