आँखों में कुछ तो लाज हो प्यारे
कुछ तो ऐसा समाज हो प्यारे
मन को अच्छा लगे सुधा जैसा
चाहे कोई रिवाज हो प्यारे
तेरा हर इक पे राज है माना
तेरा खुद पर तो राज हो प्यारे
दिल दहलता है जब कड़कती है
क्यों न चुप-चुप सी गाज हो प्यारे
काश,ऐसा कभी तो मुमकिन हो
हर किसी सर पे ताज हो प्यारे