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नहीं मालूम / नंदकिशोर आचार्य

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जलाती है आग
पकाती भी है।

नहीं मालूम
मैं किस आग में हूँ।
(विरह की लपट है वह
या मिलन की आँच)
आग वह पकाएगी मुझे
या फिर जला देगी?