Last modified on 7 अक्टूबर 2006, at 12:26

तुलसीदास के दोहे / तुलसीदास

डॉ॰ व्योम (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 12:26, 7 अक्टूबर 2006 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुलसी अपने राम को, भजन करौ निरसंक

आदि अन्त निरबाहिवो जैसे नौ को अंक ।।