- १ - आँखों में जो बात हो गई है
आँखों में जो बात हो गई है
एक शरहे-हयात१ हो गई है।
जब दिल की वफ़ात हो गई है
हर चीज की रात हो गई है।
ग़म से छुट कर ये ग़म है मुझको
क्यों ग़म से नजात हो गई है।
मुद्दत से खबर मिली न दिल को
शायद कोई बात हो गई है।