प्रताप सहगल्
जन्म 10 मई, 1945
जन्म स्थान झंग , पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान में)
पहचान कवि, नाटककार, कथाकार, आलोचक
प्रमुख रचनाएं
कविता संग्रह सवाल अब भी मौजूद है (1983), आदिम आग (1988), अंधेरे में देखना (1994), इस तरह से (छ्ह लंबी कविताएं- 1997) छवियां और छवियां (2005) -- नचिकेता'स ओडिसी (अंग्रेज़ी में- 1989), एक दूसरे से अलग (1981), अलग अलग होने के बावजूद (1986)
नाटक अंवेषक (1992), चार रुपांत (1992), रंग-बसंती (1984), मौत क्यों रात भर नहीं आती (1988), नौ लघु नाटक (1994), नहीं कोई अंत (1988),
रास्ता इधर भी है (2002), अंधेरे में (1987), किस्सा तीन गुलाबों का (1991), पांच रंग नाटक (2002), कोई और रास्ता तथा अन्य लघु नाटक (2008) छू मंतर (बाल नाटक- 2004)
कथा साहित्य अनहद नाद (उपन्यास-1999), अब तक (कहानी संग्रह-1978)
आलोचना रंग-चिंतन (1988), समय के निशान (2003), समय के सवाल (2005)
विविध मैथिलीशरण गुप्त पुरुस्कार (1970), रंग बसंती पर साहित्य कला परिषद द्वारा सम्मानित (1981), अपनी अपनी भूमिका शिक्षा मंत्रालय (भारत
सरकार द्वारा पुरुस्कृत-1983,सौहार्द सम्मान 2001, राजभाषा सम्मान-2001 हिन्दी अकादमी साहित्यकार सम्मान-2005 , अनहद नाद तथा आदिम आग साहित्यिक कृति सम्मान द्वारा सम्मानित
देश भर में महत्व्पूर्ण नाट्य निर्देशकों यथा सतीश आन्न्द, रवि बासवानी, राजा बुंदेला, सुभाष सहगल तथा अखिलेश अखिल द्वारा बार बार मंचन. अंवेषक तथा रंग बसंती बहु-चर्चित, बहु प्रशंसित अंवेषक का परिषद रंग मंडल द्वारा 2003 में, फिर इसी वर्ष संगीत नाटक अकादमी के रंग-स्वर्ण समारोह में शामिल और इसी नाटक से चंडीगढ़ में राष्ट्रीय नाट्य समारोह की शुरुआत
अनेक नाटक दूरदर्शन एवं रेडियो पर प्रसारित अनेक रचनाओं का भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित प्रसारित
कई स्वय़ं सेवी संस्थाओं से सम्बद्ध