देह छूकर कहा तूने
हम साथ पार करेंगे हर जंगल
मैं अब भी खडा हूं वहीं पीपल के नीचे
जहां कोयल के कंठ में कांपता है पत्तों का पानी।
देह छूकर कहा तूने
हम साथ पार करेंगे हर जंगल
मैं अब भी खडा हूं वहीं पीपल के नीचे
जहां कोयल के कंठ में कांपता है पत्तों का पानी।