Last modified on 5 सितम्बर 2009, at 14:10

साँचा:KKPoemOfTheWeek

Lotus-48x48.png  सप्ताह की कविता   शीर्षक: सद्यःस्नाता
  रचनाकार: अशोक वाजपेयी
पानी
छूता है उसे
उसकी त्वचा के उजास को
उसके अंगों की प्रभा को –

पानी
ढलकता है उसकी
उपत्यकाओं शिखरों में से –

पानी
उसे घेरता है
चूमता है

पानी सकुचाता
लजाता
गरमाता है
पानी बावरा हो जाता है

पानी के मन में
उसके तन के
अनेक संस्मरण हैं।