</poem> जन्म: १ जुलाई १९४२ को ग्राम उमरी ज़िला मुरादाबाद में। शिक्षा: एम. काम., एम. ए., पीएच. डी. संप्रति: गाज़ियाबाद में प्रोफ़ेसर
कुँअर बेचैन ग़ज़ल लिखने वालों में ताज़े और सजग रचनाकारों में से हैं। उन्होंने आधुनिक ग़ज़ल को समकालीन जामा पहनाते हुए आम आदमी के दैनिक जीवन से जोड़ा है। यही कारण है कि वे नीरज के बाद मंच पर सराहे जाने वाले कवियों में अग्रगण्य हैं। उन्होंने गीतों में भी इसी परंपरा को कायम रखा है। वे न केवल पढ़े और सुने जाते हैं वरन कैसेटों की दुनिया में भी खूब लोकप्रिय हैं।
सात गीत संग्रह, बारह ग़ज़ल संग्रह, दो कविता संग्रह, एक महाकाव्य तथा एक उपन्यास के रचयिता कुँवर बेचैन ने ग़ज़ल का व्याकरण नामक ग़ज़ल की संरचना समझाने वाली एक अति महत्वपूर्ण पुस्तक भी लिखी है।
उन्होंने अनेक बार विदेश यात्राएँ की हैं और अनेक महत्वपूर्ण संस्थानों के साहित्य सम्मानों द्वारा सम्मानित हुए हैं। </poem>