उम्र.....
कुछ यूँ बही
जैसे नदी का
तेज बहाव
उम्र.....
न जाने
कहाँ हुआ गुम
तेरा -मेरा
मैं और तुम
उम्र.....
तन्हा रास्ता
तन्हा ही है
दुनिया का मेला
जाए हर कोई अकेला ।
उम्र.....
कुछ यूँ बही
जैसे नदी का
तेज बहाव
उम्र.....
न जाने
कहाँ हुआ गुम
तेरा -मेरा
मैं और तुम
उम्र.....
तन्हा रास्ता
तन्हा ही है
दुनिया का मेला
जाए हर कोई अकेला ।