Last modified on 18 सितम्बर 2009, at 19:32

किरन / शार्दुला नोगजा

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:32, 18 सितम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शार्दुला नोगजा }} <poem> तू तो बादल है चमक मेरी क्या छ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तू तो बादल है
चमक मेरी क्या छुपाएगा।
ढक भी लेगा तो
किनारे से जगमगाएगा।।