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बुखार / मनीष मिश्र

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धमनियों को
थोड़ा खौला कर
 
पलको पर देकर
हल्की सी दस्तक

होठों पर लपेट कर
सूखी पर्त

देह के
कोने-कतरे से निकल कर

चारों ओर
फैल जाता है
शिव की जटा-सा बुखार ।