वंदना / सोहनलाल द्विवेदी

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:05, 17 अक्टूबर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वंदिनी तव वंदना में
कौन सा मैं गीत गाऊँ?

स्वर उठे मेरा गगन पर,
बने गुंजित ध्वनित मन पर,
कोटि कण्ठों में तुम्हारी
वेदना कैसे बजाऊँ?

फिर, न कसकें क्रूर कड़ियाँ,
बनें शीतल जलन–घड़ियाँ,
प्राण का चन्दन तुम्हारे
किस चरण तल पर लगाऊँ?

धूलि लुiण्ठत हो न अलकें,
खिलें पा नवज्योति पलकें,
दुर्दिनों में भाग्य की
मधु चंद्रिका कैसे खिलाऊँ?

तुम उठो माँ! पा नवल बल,
दीप्त हो फिर भाल उज्ज्वल!
इस निबिड़ नीरव निशा में
किस उषा की रश्मि लाऊँ?

वन्दिनी तव वन्दना में
कौन सा मैं गीत गाऊँ?

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.