Last modified on 22 अक्टूबर 2009, at 21:03

दो पीढियाँ / हरिवंशराय बच्चन

Rajeevnhpc102 (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:03, 22 अक्टूबर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन }}<poem>मुंशी जी तन्नाए पर जब उनसे क…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुंशी जी तन्नाए
पर जब उनसे कहा गया,
ऎसा जुल्म और भी सह चुके हैं
तो चले गए दुम दबाए।

xxx

मुंशी जी के लड़के तन्नाए,
पर जब उनसे कहा गया,
ऎसा ज़ुल्म औरों पर भी हुआ है
तो वे और भी तन्नाए।