Last modified on 28 अक्टूबर 2009, at 09:47

क्रम / अशोक चक्रधर

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:47, 28 अक्टूबर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

एक अंकुर फूटा
पेड़ की जड़ के पास ।

एक किल्ला फूटा
फुनगी पर ।

अंकुर बढ़ा
जवान हुआ,
किल्ला पत्ता बना
सूख गया ।

गिरा
उस अंकुर की
जवानी की गोद में
गिरने का ग़म गिरा
बढ़ने के मोद में ।