यहीं, यहीं और अभी
इस सधे सन्धि-क्षण में
इस नए जन्मे, नए जागे,
अपूर्व, अद्वितीय...अभागे
मेरे पुण्यगीत को
अपने अन्त:शून्य में ही तन्मय हो जाने दो--
यों अपने को पाने दो !
यहीं, यहीं और अभी
इस सधे सन्धि-क्षण में
इस नए जन्मे, नए जागे,
अपूर्व, अद्वितीय...अभागे
मेरे पुण्यगीत को
अपने अन्त:शून्य में ही तन्मय हो जाने दो--
यों अपने को पाने दो !