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सिक्किम / मनीष मिश्र

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हिमालय के ऊँचे अटाले पर
दिपदिपाता गंगटोक,

छांगू में बर्फ की छत पर
सिमराती है धूप,

बौद्ध शान्ति की अनुगूँज में
लिपटा है रूमटेक

उनींदा रंगपोह हड़बड़ाकर उठता है
देखते ही टूरिस्ट टैक्सी ।

तिस्ता बदलती है कई रास्ते
सिक्किम कई चेहरे ।