Last modified on 4 नवम्बर 2009, at 21:25

जंग में हूँ बहार मुश्किल है / अनिरुद्ध सिन्हा

द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:25, 4 नवम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जंग में हूँ बहार मुश्किल है
दस्ते-क़ातिल का प्यार मुश्किल है

फिर तसल्ली सवाल बन जाए
फिर तेरा इंतज़ार मुश्किल है

ख़त गया है जवाब आने तक
बीच का अख़्तियार मुश्किल है

उँगलियों का सलाम हाज़िर है
सादगी का सिंगार मुश्किल है

है ये मुमकिन तनाव देखें वो
देख लेंगे दरार मुश्किल है