Last modified on 5 नवम्बर 2009, at 23:16

प्रेम-1 / अर्चना भैंसारे

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:16, 5 नवम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुमने मेरी
अल्हड़ धारा को
समाहित किया
ख़ुद में
और दिया
समुद्र-सा विशाल
अस्तित्व
ख़ुद के भीतर...