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सिन्दबाद :पांच / अवतार एनगिल

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सागर किनारे
ठगे-से-खड़े
नारियल के पेड़
एक-दूसरे से पूछते हैं :
अरे द्वीप-दर-द्वीप भटककर
हमारे तट पर आन उतरने वाला
और बेनागा
ग़ोताखोरों को गहराईयों में भेजकर
बहुमूल्य मोती पाने वाला सिन्दबाद
क्या सचमुच
हमारी मोतियों अटी खाड़ी छोड़कर
चला जाएगा
छोड़कर हमें
अपने,अपने देश ?