अरी ओ, नटखट लड़की!
चाहे जब चली आना
इस लम्पट पुरुष के
गले लग जाना
जब-जब तुम
प्रेयसी बन आओगी
इस प्रेमी को
अपना ही सपना
देखते हुए पाओगी
जब आना
बिना बताये
अपनों से कैसी औपचारिकता?
अरी ओ, नटखट लड़की!
चाहे जब चली आना
इस लम्पट पुरुष के
गले लग जाना
जब-जब तुम
प्रेयसी बन आओगी
इस प्रेमी को
अपना ही सपना
देखते हुए पाओगी
जब आना
बिना बताये
अपनों से कैसी औपचारिकता?