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रास्ता-2 / अवतार एनगिल

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सीधी चढ़ाई में
सांस तो फूलती है
अक्ल
ख़ुद को भूलती है
दीवानगी की बस्ती में
पहुंचकर ही
कुछ पाता है
अक्ल का मारा
आदमी।